मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट: बिहार को मिली ₹4,447 करोड़ की विकास योजना स्वीकृति

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिहार के मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट को हरी झंडी देकर राज्य के औद्योगिक विकास में नई क्रांति का आरंभ कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 9 सितंबर 2025 को इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी है। यह 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड कॉरिडोर न केवल यातायात व्यवस्था में सुधार लाएगा, बल्कि पूर्वी बिहार के औद्योगिक विकास को भी नई गति प्रदान करेगा।

मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं

मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट बुक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह परियोजना हाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM) के तहत क्रियान्वित होगी। 82.4 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण ₹4,447.38 करोड़ की लागत से होगा। यह कॉरिडोर मोकामा, बारहिया, लखीसराय, जमालपुर, मुंगेर जैसे महत्वपूर्ण शहरों को जोड़कर भागलपुर तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

परियोजना की विशेषता यह है कि यह 100 किमी प्रति घंटे की डिजाइन स्पीड के साथ 80 किमी प्रति घंटे की औसत गति को सपोर्ट करेगा। इससे मोकामा से मुंगेर के बीच की यात्रा का समय घटकर मात्र 1.5 घंटे रह जाएगा।

हाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM) का फायदा

मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट में HAM मॉडल का उपयोग सड़क निर्माण की गति बढ़ाने में मदद करेगा। इस मॉडल के तहत सरकार परियोजना की लागत का 40% निर्माण के दौरान ही उपलब्ध कराती है, जबकि बाकी 60% राशि 15 साल की अवधि में किस्तों में दी जाती है। यह व्यवस्था निजी डेवलपर्स को प्रोत्साहित करती है और परियोजना की समय पर पूर्णता सुनिश्चित करती है।

औद्योगिक विकास में मोकामा मुंगेर कॉरिडोर की भूमिका

मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा फायदा पूर्वी बिहार के औद्योगिक विकास में होगा। मुंगेर-जमालपुर-भागलपुर बेल्ट एक प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र के रूप में उभर रहा है। यहां मौजूदा गन फैक्ट्री के अलावा रक्षा मंत्रालय द्वारा एक और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का प्रस्ताव है। जमालपुर में लोकोमोटिव वर्कशॉप और मुंगेर में ITC जैसी फूड प्रोसेसिंग कंपनियां स्थापित हैं।

भागलपुर भागलपुरी सिल्क के लिए प्रसिद्ध है और यह टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित हो रहा है। बारहिया क्षेत्र फूड पैकेजिंग और एग्रो-वेयरहाउसिंग के लिए उभरता हुआ केंद्र है। इन सभी औद्योगिक गतिविधियों से फ्रेट मूवमेंट और ट्रैफिक में वृद्धि होगी, जिसके लिए मोकामा मुंगेर हाईवे एक आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर है।

रोजगार सृजन की संभावनाएं

यह मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट रोजगार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। परियोजना से 14.83 लाख मैन-डेज प्रत्यक्ष रोजगार और 18.46 लाख मैन-डेज अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा। इसके अतिरिक्त, कॉरिडोर के आसपास बढ़ती आर्थिक गतिविधियों से और भी रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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बिहार की अर्थव्यवस्था पिछले दशक में 3.5 गुना वृद्धि कर चुकी है। 2023-24 में राज्य की सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 8.54 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। ऐसे में यह हाईवे प्रोजेक्ट राज्य की आर्थिक प्रगति में नया अध्याय जोड़ेगा

मोकामा मुंगेर कॉरिडोर के तकनीकी फायदे

मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट में क्लोज्ड टोलिंग सिस्टम का प्रयोग होगा। इस व्यवस्था में सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं पर टोल प्लाजा होंगे, जिससे यात्रियों को केवल तय की गई दूरी के लिए भुगतान करना पड़ेगा। यह सिस्टम औसत गति को बढ़ाकर यात्रा समय में काफी कमी लाएगा।

4-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड कॉरिडोर में आधुनिक सेफ्टी फीचर्स होंगे जो यात्रियों और माल ढुलाई वाहनों दोनों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेंगे। हाई-स्पीड कॉरिडोर की डिजाइन आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार की गई है।

परिवहन व्यवस्था में सुधार

वर्तमान में मोकामा-मुंगेर सेक्शन 363 किमी लंबे बुक्सर-भागलपुर कॉरिडोर का एकमात्र 2-लेन हिस्सा था। अन्य सेक्शन जैसे मुंगेर-भागलपुर (51 किमी) और कोइलवार-कन्हौली (10 किमी) में 4-लेन का काम चल रहा है। बुक्सर-कोइलवार, कछिदरगाह-बख्तियारपुर और बख्तियारपुर-मोकामा सेक्शन पहले से ही 4-लेन हैं

इस मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट के पूरा होने से संपूर्ण बुक्सर-भागलपुर कॉरिडोर एक समान उच्च गुणवत्ता का हाई-स्पीड रूट बन जाएगा।

केंद्र सरकार की बिहार विकास योजना

मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की बिहार विकास रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। सरकार ने 2014-24 के दौरान बिहार को ₹9.23 लाख करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की है, जो 2004-14 की अवधि में दी गई ₹2.8 लाख करोड़ की तुलना में तीन गुना अधिक है

प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत यह प्रोजेक्ट मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने पर फोकस करता है। साथ ही कैबिनेट ने 177 किमी लंबी भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेल लाइन के डबलिंग प्रोजेक्ट को भी ₹3,169 करोड़ की लागत से मंजूरी दी है।

भविष्य की संभावनाएं

मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट का निर्माण अगले तीन वर्षों में पूरा होने की योजना है। यह परियोजना न केवल स्थानीय कनेक्टिविटी में सुधार लाएगी, बल्कि पूर्वी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक्स हब का काम भी करेगी।

बिहार की सड़क अवसंरचना में पिछले पांच वर्षों में 850+ किमी 4-लेन और उससे ऊपर के राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हुआ है। राज्य के लगभग 90% राष्ट्रीय राजमार्ग अब डबल लेन या उससे चौड़े हैं

आर्थिक प्रभाव और सामाजिक लाभ

मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट से न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी प्रत्यक्ष लाभ होगा। बेहतर कनेक्टिविटी से कृषि उत्पादों की मार्केटिंग आसान हो जाएगी और किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे।

शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच भी आसान हो जाएगी। हाईवे के कारण छोटे व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं के लिए नए अवसर खुलेंगे। पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा, खासकर सिमरिया धाम जैसे धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी बेहतर होने से

मोकामा मुंगेर हाईवे प्रोजेक्ट बिहार के सामग्रिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा और राज्य को आधुनिक भारत की विकास यात्रा में आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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